वैकल्पिक चिकित्सा
वैकल्पिक चिकित्सा
"पूरक चिकित्सा" और "पूरक और वैकल्पिक चिकित्सा" यहां पुनर्निर्देशित होते हैं।'
पश्चिमी जगत में उन सभी चिकित्सा पद्धतियों को वैकल्पिक चिकित्सा कहते हैं जो परम्परागत चिकित्सा पद्धति के अन्तरगत नहीं रखी जा सकतीं। [1] या “ऐसी पद्धति जिसे एक समान रूप से कभी प्रभावी नहीं माना जाता.”[2] इसे प्रायः साक्ष्य आधारित चिकित्सा पद्धति के रूप में देखा जाता है और इसमें वैज्ञानिक आधार के स्थान पर ऐतिहासिक या सांस्कृतिक उपचार पद्धतियां शामिल होती हैं। अमेरिका के नैशनल सेंटर फॉर कम्प्लीमेंटरी एंड ऑल्टरनेटिव मेडिसीन (National Center for Complementary and Alternative Medicine) (एनसीसीएएम) (NCCAM) ऐसे उदाहरणों का उल्लेख करता है, जिसमें अन्य पद्धतियों के अतिरिक्त प्राकृतिक चिकित्सा, पाद-चिकित्सा (chiropractic), जड़ी-बूटी चिकित्सा, पारंपरिक चीनी चिकित्सा पद्धति, आयुर्वेद, ध्यान, योग, जैवप्रतिपुष्टि, सम्मोहन, होम्योपैथी, एक्युपंक्चर और पोषण-आधारित उपचार-पद्धतियां शामिल हैं।[3] इसे प्रायः पूरक चिकित्सा पद्धति के समूह में रखा जाता है, जिसका सामान्य अर्थ होता है, मुख्य धारा वाली तकनीकों के संयोजन में प्रयोग किए जाने वाले समान हस्तक्षेप,[4][5][6] जिन्हें पूरक तथा वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति या कैम (CAM) के तहत रखा जाता है। वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति के कुछ अनुसंधानकर्ता इस समूहीकरण का विरोध करते हैं और इन विधियों के बीच अंतर स्थापित करना पसंद करते हैं, तथापि वे कैम (CAM) शब्द का प्रयोग करते हैं, जो मानक बन चुका है।[7][8]
अनुक्रम
कुछ वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियाँ
1. संपूर्ण स्वास्थ्य
2. मन / शारीरिक
3. विजुअलाइजेशन
4. ध्यान
5. आध्यात्मिक इलाज
6. बायोफीडबैक
7. सम्मोहन
8. मानसिक इलाज
9. गुप्त इलाज
10.विद्युत चुम्बकीय चिकित्सा (चुंबक चिकित्सा)
11. रैडिस्थेसिया
12. रैडियोनिक्स
13. सियोनिक चिकित्सा
14. क्रिस्टल / रत्न चिकित्सा
15. पिरामिड इलाज
16. मूत्र चिकित्सा
17. हर्बॉलोजी / औषधीय पादप
18. इवनिंग प्रिमरोज तैल
19. प्राकृतिक चिकित्सा
20. ऑक्सीजन थैरेपी
21. होम्योपैथी
22.पुष्पगंध, बैच फ्लॉवर उपचार
23. एरॉमाथैरेपी
24. लोक चिकित्सा
25. आयुर्वेदिक चिकित्सा
26. मूल अमेरिकी चिकित्सा
27. एशियाई चिकित्सा
28. तिब्बती चिकित्सा
29. दक्षिणपूर्व एशियाई चिकित्सा
30. चीनी चिकित्सा
31. एक्यूपंक्चर
32. ऑस्टियोपेथी
33. कीरोप्रैक्टिक
शारीरिक कार्य चिकित्सा
1. अंगमर्दन (खिलाडियों का अंगमर्दन)
2. एक्युप्रेशर्
3. शियात्सु
4. जिन शिन डु
5. रिफ्लेक्सोलॉजी
6. स्पर्श
7. चिकित्सीय स्पर्श
8. रिशियान थैरेपी
9. रैडिक्स
10. बॉयोएनर्जेटिक्स
11. फेल्डेक्राइस
12. पोस्चुरल इन्टिग्रेशन
13. अलेक्जेंडर तकनीक
14. एस्टॉन पैटर्निंग
15. हेलर वर्क
16. ट्रैगर
17. रॉजेन विधि
18 प्रायौगिक कायनिसियॉलोजी
19. स्वास्थ्य के लिए स्पर्श
20. पॉलारिटी थैरेपी
21. लोमी
22. रेकी
23. शेन थैरेपी
24. एरिका
25. ब्रीमा
26. सेन्सरी एवेयरनेस
27. हाइड्रोथैरेपी स्नान
28. सुआना
29. आइरिडोलोजी
30. योग
31. मार्शल आर्ट्स
32. आइकिडो
33. ताई ची चु'आन
34. नृत्य थैरेपी
35. हँसी थैरेपी / हास्य
36. संगीत / ध्वनि थैरेपी
37. काव्य थैरेपी
38. बिबिलियो थैरेपी
39. कला थैरेपी
40. वर्ण थैरेपी
41. पालतू पशु चिकित्सा
परिचय
वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियां अपने मूल सिद्धांतों में उतनी ही विविध हैं, जितनी अपनी कार्य-विधियों में. ये पद्धतियां पारंपरिक चिकित्सा पद्धति, लोक ज्ञान, आध्यात्मिक विश्वास या उपचार के नए तरीकों पर आधारित होती हैं।[9] जिन न्यायाधिकार क्षेत्रों में वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियां पर्याप्त रूप से प्रचलित हों, वहां उन्हें कानूनी लाइसेंस मिल सकता है तथा उन्हें विनियमित किया जा सकता है। वैकल्पिक चिकित्सा के चिकित्सकों के दावों को सामान्यतः चिकित्सा समुदाय द्वारा स्वीकार नहीं किया जाता, क्योंकि सुरक्षा तथा प्रभावोत्पादकता का साक्ष्य-आधारित मूल्यांकन या तो उपलब्ध नहीं होता अथवा इन पद्धतियों के लिए यह पूरा ही नहीं किया जाता. यदि वैज्ञानिक अनुसंधान द्वारा किसी वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति की सुरक्षा तथा प्रभावोत्पादकता का प्रमाण दिया जाता है, तो वह मुख्य धारा की चिकित्सा पद्धति बन जाती है और “वैकल्पिक” नहीं रह जाती और इसलिए वह पारंपरिक चिकित्सकों द्वारा व्यापक रूप से अपना ली जाती है।[10][11] चूंकि वैकल्पिक चिकित्सा तकनीकों में साक्ष्य की कमी होती है या वे परीक्षण में बार-बार असफल रहती हैं, इसलिए कुछ लोगों ने इन्हें गैर-साक्ष्य आधारित वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों के रूप में या पूरी तरह से एक अचिकित्सीय पद्धति के रूप में परिभाषित करने की सलाह दी है। कुछ अनुसंधानकर्ता मानते हैं कि कैम (CAM) को साक्ष्य-आधारित विधियों के आधार पर परिभाषित करने में समस्या उत्पन्न होगी, क्योंकि कैम (CAM) का परीक्षण किया जा चुका है तथा उनका मानना है कि मुख्यधारा की कई पद्धतियों में भी ठोस प्रमाण की कमी पाई गई है।[12]
इसकी व्यापकता को देखने के लिए 13 देशों में किये गये अध्ययनों की, वर्ष 1998 में की गई एक सुव्यवस्थित समीक्षा में यह निष्कर्ष निकाला गया कि कैंसर के लगभग 31% रोगी पूरक तथा वैकल्पिक चिकित्सा के किसी न किसी रूप का प्रयोग करते हैं।[13] वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियां देशों के आधार पर बदलती रहती हैं। एड्जार्ड अर्न्स्ट (Edzard Ernst) कहते हैं कि ऑस्ट्रिया तथा जर्मनी में कैम (CAM) मुख्यतः चिकित्सकों (फिजीशियन) के हाथों में ही है,[8] जबकि कुछ आकलनों का मानना है कि अमेरिका के कम से कम आधे वैकल्पिक चिकित्सिक फिजीशियन हैं।[14] जर्मनी में जड़ी-बूटियों पर कड़ा नियंत्रण है, जिनमें से आधी डॉक्टरों द्वारा दी जाती हैं तथा वहां की कमीशन ई (Commission E) कानून के आधार पर स्वास्थ्य बीमा द्वारा शामिल की गईं हैं।[15]
शब्द
“वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति” संज्ञा का प्रयोग सामान्यतः स्वतंत्र रूप से प्रयुक्त पद्धतियों के लिए अथवा पारंपरिक चिकित्सा के स्थान पर प्रयुक्त होने वाली पद्धतियों को वर्णित करने के लिए किया जाता है। “पूरक चिकित्सा” शब्दावली का प्रयोग मुख्य रूप से ऐसी पद्धतियों को वर्णित करने के लिए किया जाता है, जो पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों के साथ प्रयुक्त होती हैं या उनकी पूरक होती हैं। एनसीसीएएम (NCCAM) का सुझाव है कि, "गंध-चिकित्सा का प्रयोग, जिसमें रोगियों के स्वास्थ्य में सुधार एवं उसकी सलामती के लिए तथा सर्जरी के बाद उसकी बेचैनी को कम करने हेतु फूलों, बूटियों तथा पेड़ों के आवश्यक तेलों की खुशबू सुंघाई जाती है”[11] पूरक चिकित्सा का उदाहरण है। “समाकलनात्मक” (integrative) या “समाकलित चिकित्सा” (integrated medicine) शब्दावलियां पारंपरिक तथा वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों वाले उपचारों के संयोजन को सूचित करती हैं, जिनकी प्रभावोत्पादकता के लिए कुछ वैज्ञानिक प्रमाण मौजूद हैं; तथा इन पद्धतियों के समर्थकों द्वारा उन्हें पूरक चिकित्सा पद्धति के सर्वोत्तम उदाहरण के रूप में देखा जा सकता है।[11]
राल्फ सिंडरमैन (Ralph Snyderman) तथा एंड्र्यू वेल (Andrew Weil) कहते हैं कि, “समाकलनात्मक चिकित्सा, पूरक तथा वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति की पर्याय नहीं होती. इसका अर्थ तथा उद्देश्य काफी विस्तृत होता है, जिसमें यह चिकित्सा के उद्देश्य को स्वास्थ्य तथा उपचार पर केंद्रित रखती है और रोगी-चिकित्सक के संबंधों की केंद्रीयता पर बल देती है।”[16] रोकथाम तथा जीवन-शैली में परिवर्तन पर जोर डालने वाली परंपरागत तथा पूरक चिकित्सा का संयोजन ही समाकलित चिकित्सा है।
वर्णन
वैकल्पिक या पूरक चिकित्सा पद्धति के लिए कोई स्पष्ट तथा एक समान परिभाषा नहीं है।[17]:17 पाश्चात्य संस्कृति में इसे प्रायः ऐसी उपचार पद्धति के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो “पारंपरिक चिकित्सा पद्धति के क्षेत्र में नहीं आती”[1] या जिसे “एक समान रूप से प्रभावशाली नहीं देखा गया।”[2]
स्व-वर्णन
नैशनल सेंटर फॉर कम्प्लीमेंटरी एंड ऑल्टरनेटिव मेडिसिन (National Center for Complementary and Alternative Medicine) (एनसीसीएएम) (NCCAM) कैम (CAM) को “विविधतापूर्ण चिकित्सीय तथा स्वास्थ्य सुरक्षा प्रणालियों, पद्धतियों तथा उत्पादों का एक विविधतापूर्ण समूह, जो मौजूदा पारंपरिक चिकित्सा पद्धति का अंग नहीं है,” के रूप में वर्णित करता है। कोक्रैन कॉम्प्लीमेंटरी मेडिसिन फील्ड (Cochrane Complementary Medicine Field) ने पाया कि जिसे एक देश में पूरक या वैकल्पिक चिकित्सा मानते हैं, उसे ही दूसरे देशों में पारंपरिक चिकित्सा पद्धति माना जा सकता है। इसलिए उनके द्वारा दी गई परिभाषा सामान्य है: “पूरक चिकित्सा में ऐसी सभी पद्धतियां तथा विचार शामिल होते हैं, जो कई देशों में पारंपरिक चिकित्सा क्षेत्र के बाहर होते हैं और उसके प्रयोगकर्ता द्वारा उसे बचावकारी या रोगोपचारी, अथवा स्वास्थ्यवर्धक तथा उपचारात्मक के रूप में परिभाषित किया जाता है।”[18] उदाहरण के लिए जैवप्रतिपुष्टि का उपयोग सामान्यतः भौतिक चिकित्सा तथा पुनर्वास समुदाय द्वारा किया जाता है, लेकिन कुल मिलाकर चिकित्सा-विज्ञान समुदाय में इसे वैकल्पिक चिकित्सा के रूप में माना जाता है, तथा यूरोप में कुछ जड़ी-बूटी वाली चिकित्सा पद्धतियां मुख्य धारा की चिकित्सा पद्धतियां हैं, पर अमेरिका में वे वैकल्पिक मानी जाती हैं।[19] एक समाकलनात्मक चिकित्सा शोधकर्ता डेविड एम आइसनबर्ग (David M. Eisenberg),[20] इसे इस प्रकार परिभाषित करते हैं, “ऐसे चिकित्सीय हस्तक्षेप जो अमेरिकी चिकित्सा संस्थानों में व्यापक रूप में नहीं सिखाए जाते या सामान्यतः अमेरिकी अस्पतालों में नहीं पाए जाते,”[21] एनसीसीएएम (NCCAM) का मानना है कि यदि पहले के अप्रमाणित उपचारों का प्रयोग सुरक्षित तथा प्रभावशाली हो, तो उन्हें पारंपरिक चिकित्सा में शामिल किया जा सकता है।[11]
पूरक तथा वैकल्पिक चिकित्सा के शोधकर्ता बैरी आर. कैसिलेथ (Barrie R. Cassileth) ने इस मामले को इस प्रकार संक्षेपित किया है, “जैसा कि कैम (CAM) को मुख्य धारा की चिकित्सा में समाकलित करने या "वैकल्पिक" चिकित्सा के लिए अलग NIH अनुसंधान संस्था बनाने का प्रयास चल रहा है, मुख्यधारा के सभी चिकित्सक कैम (CAM) के साथ सहज नहीं है।”[10][22]
वैज्ञानिक समुदाय
संस्थान
नैशनल साइंस फाउंडेशन (National Science Foundation) ने वैकल्पिक चिकित्सा को “ऐसी सभी चिकित्सा पद्धतियां जिन्हें वैज्ञानिक विधियों द्वारा प्रभावशाली साबित न किया गया हो,” के रूप में परिभाषित किया है।[23] इंस्ट्यिट्यूट ऑफ मेडिसिन (Institute of Medicine)(आईओएम) (IOM) ने वर्ष 2005 में पूरक तथा वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों (कैम)(CAM) को एक विशेष संस्कृति तथा ऐतिहासिक अवधि में गैर-प्रभावी चिकित्सीय विधि के रूप में परिभाषित किया। कोक्रैन कोलैबॉरेशन (Cochrane Collaboration)[18] तथा आधिकारिक सरकारी निकायों, जैसे यूके डिपार्टमेंट ऑफ हेल्थ (UK Department of Health)[24] ने ऐसी ही एक परिभाषा अपनाई है। साक्ष्य-आधारित चिकित्सा पद्धतियों के समर्थक, जैसे कोक्रैन कोलैबॉरेशन (Cochrane Collaboration) वैकल्पिक चिकित्सा जैसे शब्दों का प्रयोग करते हैं, पर वे इस बात से सहमत हैं कि सभी उपचार चाहे वे “मुख्य धारा” के हों या “वैकल्पिक” पद्धति के हों, वैज्ञानिक विधियों के मानकों के अनुसार किये जाने चाहिए। [25]
वैज्ञानिक
मुख्य धारा के कई वैज्ञानिकों तथा चिकित्सकों ने वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों पर टिप्पणी की है और उनकी आलोचना की है।
चिकित्सा अनुसंधानकर्ताओं के बीच एक बहस छिड़ी हुई है कि क्या किसी उपचार पद्धति को सही तरह से ‘वैकल्पिक चिकित्सा’ के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। कुछ शोधकर्ता दावा करते हैं कि चिकित्सा पद्धति केवल वही है, जिसका समुचित रूप से परीक्षण किया गया है, तथा जिसका परीक्षण न हुआ हो वह कोई पद्धति नहीं। [10] उनका मानना है कि स्वास्थ्य की देखभाल की पद्धतियों को प्रमुख रूप से वैज्ञानिक साक्ष्यों पर आधारित माना जाना चाहिए। यदि किसी चिकित्सा पद्धति का कड़ा परीक्षण हुआ हो और वह सुरक्षित तथा प्रभावी पाई गई हो, तो पारंपरिक चिकित्सा पद्धति उसे अपना लेगी, चाहे उसे आरंभ में ‘वैकल्पिक’ ही क्यों न माना गया हो। [10] इस प्रकार किसी विधि के लिए यह संभव है कि इसकी प्रभावशीलता की विस्तृत जानकारी या उसके अभाव के आधार पर वह वर्गों को परिवर्तन (प्रमाणित या अप्रमाणित) कर दे। इस विचार के प्रमुख समर्थकों में जर्नल ऑफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (Journal of the American Medical Association) (जामा) (JAMA) के पूर्व संपादक जॉर्ज डी. लुंडबर्ग (George D. Lundberg) शामिल हैं।[26]
स्टीफन बैरेट (Stephen Barrett), क्वैकवॉच (Quackwatch) के संस्थापक तथा संचालक, मानते हैं कि “वैकल्पिक’ पद्धति के नाम वाली चिकित्सा को सही, प्रयोगात्मक या संदेहास्पद के रूप में पुनर्वर्गीकृत किया जाए. यहां ‘सही’ के लिए वे ऐसी विधियों की बात करते हैं, जिनके पास सुरक्षा तथा प्रभावशीलता के स्पष्ट प्रमाण हों, प्रयोगात्मक वे हैं, जो अप्रमाणित होने के बाद भी प्रभावशीलता के लिए सत्याभासी मूलाधार (plausible rational) देती हैं, तथा संदेहास्पद, जो वैज्ञानिक रूप से सत्याभासी मूलाधार के बिना आधारहीन हों. उन्हें इसकी चिंता है कि चूंकि कुछ “वैकल्पिक” चिकित्सा-पद्धतियों के अपने गुण होते हैं, अतः बाकी के लिए यही मान लिया जाता है कि उनमें भी खूबियां होंगी, पर अधिकतर बेकार होती हैं।[27] वे कहते हैं कि एनटीएच (NIH) की नीति है कि कभी यह नहीं कहना चाहिए कि अमुक पद्धति कारगर नहीं है, बल्कि एक अलग संस्करण या ख़ुराक के कुछ अलग परिणाम हो सकते हैं।[28]
पूरक चिकित्सा के प्रोफेसर, एड्जार्ड अर्न्स्ट (Edzard Ernst) कई वैकल्पिक तकनीकों के साक्ष्यों को कमजोर, अस्तित्वविहीन या नकारात्मक मानते हैं, पर उनका कहना है कि अन्य के साक्ष्य उपलब्ध हैं, विशेषकर कुछ जड़ी-बूटियों तथा एक्युपंचर के लिए। [29]
एक विकासवादी जैववैज्ञानिक रिचर्ड डॉकिन्स वैकल्पिक चिकित्सा को इस प्रकार परिभाषित करते हैं, “पद्धतियों का एक समूह, जिसका परीक्षण न किया जा सके, परीक्षण से इन्कार करे, या परीक्षण में लगातार असफल हो.”[30] वे कहते हैं कि यदि तकनीक को किसी उचित प्रदर्शित परीक्षणों में प्रभावी पाया जाता है, तो वह वैकल्पिक न होकर चिकित्सा बन जाती है।[31]
चार नॉबेल पुरस्कार विजेताओं तथा अन्य प्रमुख वैज्ञानिकों के एक पत्र में नैशनल इस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ (National Institutes of Health) में आलोचनात्मक विचार तथा वैज्ञानिक सावधानी की कमी की भर्त्सना की गई, जिससे वैकल्पिक चिकित्सा के अनुसंधान को बढ़ावा मिलता है।[32] वर्ष 2009 वैज्ञानिकों के एक समूह ने नैशनल सेंटर फॉर कॉम्प्लिमेंटरी एंड ऑल्टरनेटिव मेडिसिन (National Center for Complementary and Alternative Medicine) को बंद करने का प्रस्ताव दिया। उनका कहना था कि बहुत सारे अध्ययन शरीरक्रिया विज्ञान तथा रोगों की अपारंपरिक समझ पर आधारित थे और उनके प्रभाव या तो नहीं थे या काफी कम थे। उनका अगला तर्क था कि इस क्षेत्र के अधिक-सत्याभासी हस्तक्षेपों, जैसे आहार, विराम, योग तथा वनस्पति-चिकित्साओं का एनटीएच (NIH) के अन्य भागों में अध्ययन किया जा सकता है, जहां उन्हें पारंपरिक शोध परियोजनाओं के साथ प्रतियोगिता करनी होगी। [33] एनसीसीएएम (NCCAM) द्वारा किए दस वर्षों में लगभग $2.5 बिलियन डॉलर खर्च करने के बाद सभी अध्ययनों में नकारात्मक नतीजे आने पर इन चिंताओं को और बढ़ावा ही मिला। अनुसंधान विधि विशेषज्ञ तथा “स्नेक ऑयल साइंस (Snake Oil Science)” के लेखक आर. बार्कर. बॉसेल (R. Barker Bausell) कहते हैं, “बेकार की चीजों का अनुसंधान करना राजनैतिक रूप से सही मान लिया गया है।”[28] ऐसी भी चिंताएं हैं कि केवल एनआईएच (NIH) के समर्थन को “बगैर वैधता वाली उपचार पद्धति को अनस्थापित वैधता प्रदान करने" के लिये प्रयोग किया जा रहा है।[33]
साइंटिफिक रिव्यू ऑफ ऑल्टरनेटिव मेडिसिन (Scientific Review of Alternative Medicine) के संपादक तथा स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के प्रोफेसर वैलेस सिम्पसन (Wallace Sampson) लिखते हैं कि कैम (CAM) "फिजूल चीजों का प्रसार है," जो इस बात का उदाहरण है कि वैकल्पिक तथा पूरक चिकित्सा को नीमहकीमी, संदिग्धता, अविश्वसनीयता के स्थान पर प्रयोग किया जाने लगा है और उन्होंने चिंता जताई है कि बिना किसी कारण तथा प्रयोग के कारण कैम (CAM) विरोधाभास को पनाह देता है।[34]
लोकप्रिय प्रेस
द वाशिंगटन पोस्ट (द वॉशिंगटन पोस्ट) उल्लेख करता है कि पारंपरिक रूप से प्रशिक्षित चिकित्सकों की एक बड़ी संख्या समाकलनात्मक चिकित्सा को व्यवहार में लाती है, जिसे “ऐसी पारंपरिक स्वास्थ्य देखभाल के रूप में परिभाषित किया जाता है, जिसमें ऐक्युपंचर, रेकी, तथा जड़ी-बूटी वाली उपचार रणनीतियां शामिल हैं।”[35] ऑस्ट्रेलियाई हास्य कलाकार टिम मिंकिन (Tim Minchin) अपनी नौ मिनट की बीट कविता “स्टॉर्म” में कहते हैं कि वैकल्पिक चिकित्सा पद्धति वह है, जिसे “या तो कार्य करने के लिए साबित नहीं किया जा सका या कार्य नहीं करने के लिए साबित किया जा सका,” और तब वे परिहास करते हुए कहते हैं, “आप जानते हैं कि जिस ‘वैकल्पिक चिकित्सा’ को कार्य करने के लिए साबित किया गया है, उसे क्या कहते हैं? चिकित्सा”.[36]
वर्गीकरण
पूरक तथा वैकल्पिक चिकित्सा की शाखाओं के लिए एनसीसीएएम (NCCAM) ने एक सर्वाधिक प्रयोग में लाई जाने वाली प्रणाली का विकास किया है।[11][17] यह पूरक तथा वैकल्पिक चिकित्सा पद्धतियों को पांच प्रमुख समूहों में वर्गीकृत करती है, जिनमें से कुछ अतिव्यापित हैं।[11]
1. सपूर्ण चिकित्सा प्रणालियां: एक से अधिक अन्य समूहों में शामिल हैं, जैसे पारंपरिक चीनी चिकित्सा, होम्योपैथी तथा आयुर्वैद.
2. मस्तिष्क-शरीर चिकित्सा: स्वास्थ्य के लिए यह एक संपूर्णता वाली विधि को अपनाती है, जो मस्तिष्क, शरीर तथा आत्मा के बीच के अंतर्संबंधों को उद्घाटित करती है। यह इस सिद्धांत पर कार्य करती है कि मस्तिष्क “शारीरिक क्रियाओं तथा लक्षणों” को प्रभावित करता है।
3. जैववैज्ञानिक आधार की पद्धतियां: इसमें प्रकृति में पाए जाने वाले पदार्थों का उपयोग किया जाता है, जैसे जड़ी-बूटियां, भोजन, विटामिन तथा अन्य प्राकृतिक पदार्थ.
4. प्रहस्तनीय तथा शरीर-आधारित पद्धतियां: ये प्रहस्तन (manipulation) या शरीर की गतियों को प्रदर्शित करती हैं, जैसे कि पाद-चिकित्सा (chiropractic) या ऑस्टियोपैथिक (osteopathic) प्रहस्तन में किया जाता है।
5. ऊर्जा चिकित्सा: एक ऐसा क्षेत्र है, जो कल्पित तथा विविधतापूर्ण ऊर्जा क्षेत्रों पर आधारित है।
• जैवक्षेत्र उपचार पद्धतियां उन ऊर्जा क्षेत्रों को प्रभावित करती हैं, जो अनुमानतः शरीर के चारों और होते हैं तथा शरीर को वेधते हैं। ये उपचार पद्धतियां जिन कल्पित ऊर्जा क्षेत्रों पर आधारित होती हैं, उनके अस्तित्व का कोई ठोस प्रमाण नहीं मिला है।
• जैव-विद्युतचुंबकीय-आधारित उपचार पद्धतियों में विविधतापूर्ण विद्युतचुंबकीय क्षेत्रों, जैसे स्पंदित क्षेत्र, प्रत्यावर्ती धारा या एकांतर-धारा क्षेत्र का गैर-पारंपरिक तरीके से प्रयोग किया जाता है।